लहरे उठ रही है मन में,जाने वो कैसी होगी,
उसके दिन सुहाने होंगे,या रातें मेरी जैसी होगी,
जागती होगी रातों को,
या नींद पहले सा नही आता होगा,
मेरी यादें भी बहुत सारी उसके साथ,
जाने कौन कब आके सताता होगा,
उसकी बाते कानो में गूंजती,
रातों को नींद खुल जाती है,
मेरी चाहत मेरी जैसी है,
मुझको बहुत सताती है,
फिर मन में ख्याल ये आता,
जाने वो लड़की अभी कैसी होगी,
उसके दिन सुहाने होंगे,
या रातें मेरी जैसी होगी ।।
©Devraj singh rathore
#walkalone