White मंजरी सी खिल उठी हो , मन किसी से मिल गया क्य | हिंदी Shayari Vid

"White मंजरी सी खिल उठी हो , मन किसी से मिल गया क्या । गीत नवरंग गा रही हो , मीत कोई  मिल गया क्या । थाम  कर दामन किसी का  फिर भी अब तन्हाई क्यों है   चुन लिया अपने स्वपन सा चयन पर पछताई क्यों है  आज नयनों में तुम्हारे, अश्रु की जलधार क्यों है। फिर मेरी खातिर ह्रदय में , प्रेम का उदगार क्यों है। अब तुम्हें भी शख़्स कोई , अपने जैसा मिल गया क्या । गीत नवरंग गा रही हो  मीत कोई मिल गया क्या । ©Sachin Upadhyay "

White मंजरी सी खिल उठी हो , मन किसी से मिल गया क्या । गीत नवरंग गा रही हो , मीत कोई  मिल गया क्या । थाम  कर दामन किसी का  फिर भी अब तन्हाई क्यों है   चुन लिया अपने स्वपन सा चयन पर पछताई क्यों है  आज नयनों में तुम्हारे, अश्रु की जलधार क्यों है। फिर मेरी खातिर ह्रदय में , प्रेम का उदगार क्यों है। अब तुम्हें भी शख़्स कोई , अपने जैसा मिल गया क्या । गीत नवरंग गा रही हो  मीत कोई मिल गया क्या । ©Sachin Upadhyay

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