शीर्षक - कहो कैसे वहाँ हो तुम -------------------- | हिंदी कविता

"शीर्षक - कहो कैसे वहाँ हो तुम --------------------------------------------------------------- कहो कैसे वहाँ हो तुम, सुनाओ हाल अपना तुम। छुपाना कुछ नहीं हमसे, समझना हमको अपना तुम।। कहो कैसे वहाँ हो तुम-----------------------------।। वास्ता तुमसे है हमको, तुम्हें बहुत प्यार करते हैं। हमेशा तुम रहो खुश, दुहा रब से यह करते हैं।। चाहिए कुछ अगर तुमको, जरूर हमको बताना तुम। कहो कैसे वहाँ हो तुम--------------------------।। तुम्हारी आँखों में आँसू , नहीं देख सकते हम। मुसीबत में फंसे तुमको, नहीं देख सकते हम।। तुम्हारा हक है हम पर, कभी नहीं शर्म करना तुम।। कहो कैसे वहाँ हो तुम--------------------------।। सितारों से सजाकरके, तुम्हें रखेंगे हम आबाद। फूलों से भर देंगे दामन, नहीं होने देंगे बर्बाद।। ख्वाबो- खुशी हो तुम मेरी, खत जरूर लिखना तुम। कहो कैसे वहाँ हो तुम-------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma"

 शीर्षक - कहो कैसे वहाँ हो तुम
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कहो कैसे वहाँ हो तुम, सुनाओ हाल अपना तुम।
छुपाना कुछ नहीं हमसे, समझना हमको अपना तुम।।
कहो कैसे वहाँ हो तुम-----------------------------।।

वास्ता तुमसे है हमको, तुम्हें बहुत प्यार करते हैं।
हमेशा तुम रहो खुश, दुहा रब से यह करते हैं।।
चाहिए कुछ अगर तुमको, जरूर हमको बताना तुम।
कहो कैसे वहाँ हो तुम--------------------------।।

तुम्हारी आँखों में आँसू , नहीं देख सकते हम।
मुसीबत में फंसे तुमको, नहीं देख सकते हम।।
तुम्हारा हक है हम पर, कभी नहीं शर्म करना तुम।।
कहो कैसे वहाँ हो तुम--------------------------।।

सितारों से सजाकरके, तुम्हें रखेंगे हम आबाद।
फूलों से भर देंगे दामन, नहीं होने देंगे बर्बाद।।
ख्वाबो- खुशी हो तुम मेरी, खत जरूर लिखना तुम।
कहो कैसे वहाँ हो तुम-------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

शीर्षक - कहो कैसे वहाँ हो तुम --------------------------------------------------------------- कहो कैसे वहाँ हो तुम, सुनाओ हाल अपना तुम। छुपाना कुछ नहीं हमसे, समझना हमको अपना तुम।। कहो कैसे वहाँ हो तुम-----------------------------।। वास्ता तुमसे है हमको, तुम्हें बहुत प्यार करते हैं। हमेशा तुम रहो खुश, दुहा रब से यह करते हैं।। चाहिए कुछ अगर तुमको, जरूर हमको बताना तुम। कहो कैसे वहाँ हो तुम--------------------------।। तुम्हारी आँखों में आँसू , नहीं देख सकते हम। मुसीबत में फंसे तुमको, नहीं देख सकते हम।। तुम्हारा हक है हम पर, कभी नहीं शर्म करना तुम।। कहो कैसे वहाँ हो तुम--------------------------।। सितारों से सजाकरके, तुम्हें रखेंगे हम आबाद। फूलों से भर देंगे दामन, नहीं होने देंगे बर्बाद।। ख्वाबो- खुशी हो तुम मेरी, खत जरूर लिखना तुम। कहो कैसे वहाँ हो तुम-------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

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