हर बार आसान नहीं होता खुद को संभालना
दिल के बिखरे इतने सारे टुकड़ों को समेटना
किसी की बातोंको अनसुना करके ,
किसी के सामने कुछ न होने का ढोंग करना ,
आंखों में आए उतना पानी वही छिपाके बड़ी सी
मुस्कान लिए किसी के आगे खुशी का दिखावा करना ,
इतना आसान नहीं होता खुद को संभालना,
हर बार गलती ना होने पर गलती स्वीकार करना !
©Amisha Asole