White भगवान को पूछा किसीने इंसान कैसा है ?
भगवान :
है तो इसकी जिंदगी सरल पर परेशानियों से भरा ये रहता है,
सुकून से जीना चाहता है पर बाहर सुकून ये ढूंढता है!
लग जाए ठेस पर फिर भी संभाल के ना चलता है,
साथी की चाह रखता है पर साथ निभा न पाता है!
इच्छाये उसकी है अनगिनत एक के बाद एक बताता है,
पूरी तो सारी करेगा फिर भी असंतुष्ट वह रहता है !
प्यार प्यार की चाह में मोह से पीड़ित होता है,
निभा न पाता एक रिश्ता हजारों में उलझता जाता है !
भगवान भगवान कहता है पर भगवान की न सुनता है,
पाप लाखों करता है फिर गंगा में धोने जाता है,
दिखावा करता दुनिया भर का पर हीरो ना बन पाता है,
सपनों में जीना पसंद है उसे, हकीकत से मुंह फेर लेता है!
जिंदगी लंबी जीता है पर जिंदगी से सीख न पाता है,
समझता उसे है सब कुछ पर नासमझ बनना चाहता है!
खुद की खुशी के लिए वो कितनों को सताया करता है,
ना छोड़ी उसने प्रकृति, ना छोड़े उसने पशु पक्षी,
खुद के सुखों के खातिर उसने अपनी जिंदगी ही तबाह की!
©Amisha Asole
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