एक और लड़की पराई हो चली ,
एक और घर सुना हो चला ,
वो बुलबुल अब पंख फैला उड़ चली है,
मां बाप के घर को सुना कर चली है,
ये जग की जाने कौन सी रीत है ,
जाने क्यों ऐसा होता है ,
जिस घर से घर को समझा ,
जिस घर में बचपन बीता,
उस घर ही जाने को ,जाने क्यों सबसे पूछना पड़ता है,
जाने ,उस घर को क्यों छोड़ना पड़ता है .....
जाने ,उस घर को क्यों छोड़ना पड़ता है .....
©Pragya Karn
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