गर किसी को चाहने की चाह रखते हो तो चाह लो, गर वो भ | हिंदी कविता Video

"गर किसी को चाहने की चाह रखते हो तो चाह लो, गर वो भी तुझे चाहता हों तो चाह लो! हर घड़ीं-हर वक़्त उसकी याद में उतार लो, गर वो भी; तुम को तुमसा प्यार दें तो चाह लो! चाहतों की चाह में ख़ुद को; इस कदर तुम खुद वार लो! गर ना भी मिले वो तुमको; खुद की चाहतों को खुद ही मार लो! गर चाह हो तुमको तुम्हारे चाह कि; तो उनकी चाहतों पर खुद की चाहतों को वार लो! किस सोच में पड़े हो खुद को इन सोच से उबार लो; गर नसीब में होगा आपकी चाह भी किसी की चाह हो; मिल जाएगा जो मिलना होगा तुमको जो तेरे नसीब हो! गर चाहना था जिसे चाहा बड़ें करीब से. अब मेरी भी मान लो; जरा खुद की चाहतों को भी खुद ही चाह लो!!! ©shivraj singh7 "

गर किसी को चाहने की चाह रखते हो तो चाह लो, गर वो भी तुझे चाहता हों तो चाह लो! हर घड़ीं-हर वक़्त उसकी याद में उतार लो, गर वो भी; तुम को तुमसा प्यार दें तो चाह लो! चाहतों की चाह में ख़ुद को; इस कदर तुम खुद वार लो! गर ना भी मिले वो तुमको; खुद की चाहतों को खुद ही मार लो! गर चाह हो तुमको तुम्हारे चाह कि; तो उनकी चाहतों पर खुद की चाहतों को वार लो! किस सोच में पड़े हो खुद को इन सोच से उबार लो; गर नसीब में होगा आपकी चाह भी किसी की चाह हो; मिल जाएगा जो मिलना होगा तुमको जो तेरे नसीब हो! गर चाहना था जिसे चाहा बड़ें करीब से. अब मेरी भी मान लो; जरा खुद की चाहतों को भी खुद ही चाह लो!!! ©shivraj singh7

jara khud ko chah lo

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