गर किसी को चाहने की चाह रखते हो तो चाह लो,
गर वो भी तुझे चाहता हों तो चाह लो!
हर घड़ीं-हर वक़्त उसकी याद में उतार लो,
गर वो भी;
तुम को तुमसा प्यार दें तो चाह लो!
चाहतों की चाह में ख़ुद को;
इस कदर
तुम खुद वार लो!
गर ना भी मिले वो तुमको;
खुद की चाहतों को खुद ही मार लो!
गर चाह हो तुमको तुम्हारे चाह कि;
तो उनकी चाहतों पर
खुद की चाहतों को वार लो!
किस सोच में पड़े हो
खुद को इन सोच से उबार लो;
गर नसीब में होगा
आपकी चाह भी किसी की चाह हो;
मिल जाएगा जो मिलना होगा
तुमको जो तेरे नसीब हो!
गर चाहना था जिसे चाहा बड़ें करीब से.
अब मेरी भी मान लो;
जरा खुद की चाहतों को भी
खुद ही चाह लो!!!
©shivraj singh7
jara khud ko chah lo