मेहमान
गम से कभी घबराता नहीं दिल से इसे लगाता नहीं,
कोशिश की छोड़े गम पीछा जिंदगी से पर ये जाता ही नहीं,
आ जाता है मेहमान बन कर मेजबानी से मैं कतराता नहीं,
आगे बढ़ करता हूँ अगवानी शिकन चेहरे पर लाता नहीं,
खुशी जहां गम भी होगा वहां इस सच को मैं झुठलाता,नहीं,
गम बना नहीं रहता है हमेशा पल खुशी का भी टिक पाता नहीं,
आये और फिर नाम न ले जाने का मेहमान ऐसा कभी सुहातानहीं,
गम बेशक है एक अनचाहा मेहमाँ घर से बुला तो कोई लाता नहीं,
न गम से दुखी न ख़ुशी में है खुश मुँह दोनों को मैं कभी लगाता नहीं ।
©AwadheshPSRathore_7773
#skylining अभी के लिए good night 🥱🥱