बस आज तक
हा आज ही तक
कल कही औऱ
किसी और संग
सब खुश है
मैं भी उसी में हु
लेकिन ये सब कुछ
इतना आसान है क्या
सोच कर डर जाती हूँ
लेकिन यही सच है
सब ने मां लिया है
और मुझे मानना ही है
सदियो से होता आया है
सबके साथ इसलिए
मुझे भी जाना होगा
कितना कुछ छूट जाएगा
किसी को क्या
मेरे दोस्त
मेरे छोटे प्यारे
अब कभी कभी आना होगा
अतिथियों की तरह
मुझ पर मेरा बस नही होगा
किसी और कि अमानत
कहलाऊंगी मैं
बेटी हु न पराई हु न
हा पराई हूँ
©ranjit Kumar rathour
पराई हूँ न