क्या तू मेरी, यादो में कभी रोती होगी क्या फिर से | हिंदी कविता Video

"क्या तू मेरी, यादो में कभी रोती होगी क्या फिर से हम मिले, खुदा से कहती होगी क्या घुट घुट के मर रही है, तू भी बिन मेरे... या फिर भूल के अतीत, तू आज मैं ही जीती होंगी वैसे जी तो मैं रहा ही हूं बिन तेरे असल में दिन काटता हु,मै बिन तेरे वो जीना तो मैंने तब से है,छोड़ा जब छूटा था दामन से हाथ तेरे.... चलू कोई अब मैं, ऐसी तो कोई चाल नहीं है तू भी संभल गई है, पहले सी बेहाल नहीं है देना चाहता हूँ मैं तुझे सारे जवाब..... पर क्यू पूछती तू ,अब कोई सवाल नहीं है? मुझे तो हक नहीं कि मैं कोई सवाल करूं तू अब है ना खुश, फ़िर मैं क्यू बवाल करु माँगता फिर रहा हूँ मैं तुमसे माफ़िया.... बता इश्क में तेरे मैं और क्या कमाल करू? पर जो होती अगर अभी भी तू साथ मेरे थामे होते जो अभी भी तूने हाथ मेरे तो ये जो तन्हाइयो मे मैं घिरा हू ना अब ऐसे तो ना होते कभी भी हालात मेरे ! जाने कैसी उलझनों मे मैं फस गया हूँ ? गमो का दलदल है, मैं गले तक धंस गया हूं बुझाना तो है मुझे ये दिल में लगी आग पर मैं वो बादल जो वक्त से पहले बरस गया! ©Er. Ajay pawar "

क्या तू मेरी, यादो में कभी रोती होगी क्या फिर से हम मिले, खुदा से कहती होगी क्या घुट घुट के मर रही है, तू भी बिन मेरे... या फिर भूल के अतीत, तू आज मैं ही जीती होंगी वैसे जी तो मैं रहा ही हूं बिन तेरे असल में दिन काटता हु,मै बिन तेरे वो जीना तो मैंने तब से है,छोड़ा जब छूटा था दामन से हाथ तेरे.... चलू कोई अब मैं, ऐसी तो कोई चाल नहीं है तू भी संभल गई है, पहले सी बेहाल नहीं है देना चाहता हूँ मैं तुझे सारे जवाब..... पर क्यू पूछती तू ,अब कोई सवाल नहीं है? मुझे तो हक नहीं कि मैं कोई सवाल करूं तू अब है ना खुश, फ़िर मैं क्यू बवाल करु माँगता फिर रहा हूँ मैं तुमसे माफ़िया.... बता इश्क में तेरे मैं और क्या कमाल करू? पर जो होती अगर अभी भी तू साथ मेरे थामे होते जो अभी भी तूने हाथ मेरे तो ये जो तन्हाइयो मे मैं घिरा हू ना अब ऐसे तो ना होते कभी भी हालात मेरे ! जाने कैसी उलझनों मे मैं फस गया हूँ ? गमो का दलदल है, मैं गले तक धंस गया हूं बुझाना तो है मुझे ये दिल में लगी आग पर मैं वो बादल जो वक्त से पहले बरस गया! ©Er. Ajay pawar

People who shared love close

More like this

Trending Topic