पेड़ को नाज़ है अपने हसीन पत्तो पर आँधियाँ उनको भी औ | हिंदी शायरी

"पेड़ को नाज़ है अपने हसीन पत्तो पर आँधियाँ उनको भी औकात दिखा जाती है ज़ख्म को नाज़ है तबीब जिन दवाई पर वो घाव ठीक कर और दाग़ बना जाती है गुनाहगार हु क्यूँ नाज़ हो नसीबा पर तेरी दुआ है जो तकदीर बना जाती है writter✍️-saif raza khan.s"

 पेड़ को नाज़ है अपने हसीन पत्तो पर
आँधियाँ उनको भी औकात दिखा जाती है

ज़ख्म को नाज़ है तबीब जिन दवाई पर
वो घाव ठीक कर और दाग़ बना जाती है

गुनाहगार हु क्यूँ नाज़ हो नसीबा पर
तेरी दुआ है जो तकदीर बना जाती है

writter✍️-saif raza khan.s

पेड़ को नाज़ है अपने हसीन पत्तो पर आँधियाँ उनको भी औकात दिखा जाती है ज़ख्म को नाज़ है तबीब जिन दवाई पर वो घाव ठीक कर और दाग़ बना जाती है गुनाहगार हु क्यूँ नाज़ हो नसीबा पर तेरी दुआ है जो तकदीर बना जाती है writter✍️-saif raza khan.s

L i k h a r i.... @Taaj Mirza @Danish Khan @NEHA NAAZ @simran khan sufi akhtar_official ✍️

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