"देश हित भूलकर कमाल के खुदगर्ज रहे वो बेहिसाब
चाटूकार रजवाड़े सीखा गए नेताओं को खुद का विकास
दिल्ली में जितनी भी रियासतों के हाउस है साहब
अंग्रेजों से ज्यादा तो उन चम्मचों की नजरे थी खराब
अपनी ही जनता पर अपनी सेनाओं से करवाते अत्याचार
खूब होड़ मची रहती ब्रिटिश सरकार की नज़रों में रहने की
अंग्रेज़ चले गए पर हमारे गले हड्डी लटका गए अंग्रेजी की
बबली भाटी बैसला
©Babli BhatiBaisla"