खामोश हूँ खामोश रहने दो अभी खामोश हूँ खामोश रहने | हिंदी Poetry Video

"खामोश हूँ खामोश रहने दो अभी खामोश हूँ खामोश रहने दो, मुझे मेरे अरमानों में बहने दो। सूख रहा है देख आँखों का पानी, उस पानी को मुझे समेट लेने दो। है दर्द जितना अब मेरी आहों में, सुन सकते हो उसे मेरी साँसों में। खुल कर बताता भी तो कैसे मैं अब, हँसी भी दिखी है उनकी अदाओं में। उम्मीदों को जकड़े रखा है मैंने, हौंसलों को थाम के रखा है मैंने। मत कर ऊँगली अब मेरे इरादों को, उसे मजबूत कर के रखा है मैंने। टूट न जाए ये हौंसले अब मेरे, मत उकेरो तुम इन सपनों को मेरे। पूरा करने में ज़ख्म लिए हैं बहुत, मत कुरेदो तुम उन ज़ख्मों को मेरे। अभी खामोश हूँ खामोश रहने दो, मुझे मेरे अरमानों में बहने दो। सूख रहा है देख आँखों का पानी, उस पानी को मुझे समेट लेने दो। .............................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit "

खामोश हूँ खामोश रहने दो अभी खामोश हूँ खामोश रहने दो, मुझे मेरे अरमानों में बहने दो। सूख रहा है देख आँखों का पानी, उस पानी को मुझे समेट लेने दो। है दर्द जितना अब मेरी आहों में, सुन सकते हो उसे मेरी साँसों में। खुल कर बताता भी तो कैसे मैं अब, हँसी भी दिखी है उनकी अदाओं में। उम्मीदों को जकड़े रखा है मैंने, हौंसलों को थाम के रखा है मैंने। मत कर ऊँगली अब मेरे इरादों को, उसे मजबूत कर के रखा है मैंने। टूट न जाए ये हौंसले अब मेरे, मत उकेरो तुम इन सपनों को मेरे। पूरा करने में ज़ख्म लिए हैं बहुत, मत कुरेदो तुम उन ज़ख्मों को मेरे। अभी खामोश हूँ खामोश रहने दो, मुझे मेरे अरमानों में बहने दो। सूख रहा है देख आँखों का पानी, उस पानी को मुझे समेट लेने दो। .............................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit

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खामोश हूँ खामोश रहने दो

अभी खामोश हूँ खामोश रहने दो,
मुझे मेरे अरमानों में बहने दो।
सूख रहा है देख आँखों का पानी,
उस पानी को मुझे समेट लेने दो।

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