सिर्फ साल ही खत्म हुआ है..
न खत्म हुई..
तुम्हारी नाराजगी,
तुम्हारी बेरूखी,
और..
न ही खत्म हुआ..
मेरा इन्तजार..
मेरी आस..
©The Urban Rishi
सिर्फ साल ही खत्म हुआ है..
न खत्म हुई..
तुम्हारी नाराजगी..
तुम्हारी बेरूखी..
और..
न ही खत्म हुआ..
मेरा इन्तजार..
मेरी आस..