गुम से क्यों बैठे हो खुद से नजरें मिलाओ तो सही अं | हिंदी कविता

"गुम से क्यों बैठे हो खुद से नजरें मिलाओ तो सही अंधियारों को भुला बैठोगे ,खुद का नजरिया बनाओं तो सही माना कठिन है पगडंडी ,मगर खुद के कदमों से चलो तो सही है कायर समझती दुनिया तुम्हें मगर निडरता से लड़ो तो सही ©Deepika Yadav"

 गुम से क्यों बैठे हो खुद से नजरें मिलाओ तो सही 
अंधियारों को भुला बैठोगे ,खुद का नजरिया बनाओं तो सही
माना कठिन है पगडंडी ,मगर खुद के कदमों से चलो तो सही
है कायर समझती दुनिया तुम्हें
मगर निडरता से लड़ो तो सही

©Deepika Yadav

गुम से क्यों बैठे हो खुद से नजरें मिलाओ तो सही अंधियारों को भुला बैठोगे ,खुद का नजरिया बनाओं तो सही माना कठिन है पगडंडी ,मगर खुद के कदमों से चलो तो सही है कायर समझती दुनिया तुम्हें मगर निडरता से लड़ो तो सही ©Deepika Yadav

गुम से क्यों बैठे हो

#Shades

People who shared love close

More like this

Trending Topic