Deepika Yadav

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sucsess is not destination

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जानें कैसी उदासी है तेरी आंखों में जाने कैसी उदासी है, तेरी आंखों में गुमनाम से क्यों खामोश है, तेरी आंखों में कह ना सके जो लब तेरे ,बयां कर जाती है तेरी आंखें सारी हकीकत की गवाही देती है, तेरी आंखें जाने कैसी उदासी है, तेरी आंखों में सब कह कर भी कुछ अनकहा सा है, तेरी आंखों में कुछ तो जान पहचान है , मेरी इन आंखों से मगर न जाने क्यों अनजान हैं ,तेरी आंखे जान पड़ता है कुछ बेईमान है ,तेरी आंखें जानें कैसी उदासी है ,तेरी आंखों में ©Deepika Yadav

#कविता  जानें कैसी उदासी है तेरी आंखों में


जाने कैसी उदासी है, तेरी आंखों में
गुमनाम से क्यों खामोश है, तेरी आंखों में
कह ना सके जो लब तेरे ,बयां कर जाती है तेरी आंखें
सारी हकीकत की गवाही देती है, तेरी आंखें
जाने कैसी उदासी है, तेरी आंखों में
सब कह कर भी कुछ अनकहा सा है, तेरी आंखों में
कुछ तो जान पहचान है , मेरी इन आंखों से 
मगर न जाने क्यों अनजान हैं ,तेरी आंखे
जान पड़ता है कुछ बेईमान है ,तेरी आंखें
जानें कैसी उदासी है ,तेरी आंखों में

©Deepika Yadav

उदास आंखें

13 Love

इन्ही आंगन में कभी चहकती थी चिड़ियां । इन्हीं गलियों में कभी बच्चे करते थे किलकारियां पानी के लहरों में कभी चलती थी कागज की कश्तियां कहीं गुम सी हो गई है अब वो सारी मस्तियां जली हुई चूल्हे की मिट्टी की सोंधी खुशबू कहां नजर आती है पीपल में बंधी झूले की रस्सी अपनी निशां तरासती है लंबी चौड़ी पगडंडी अब संकरी सी नजर आती है गांव की सरकारी स्कूल खंडहरों की दास्तां सुनाती है गांव में गोरी की पायल अब शोर मचाती नहीं घुंघरू की आवाज अब गलियों में कहीं से आती नहीं ©Deepika Yadav

 इन्ही आंगन में कभी चहकती थी चिड़ियां ।
इन्हीं गलियों में कभी बच्चे करते थे किलकारियां
पानी के लहरों में कभी चलती थी कागज की कश्तियां 
कहीं गुम सी हो गई है अब वो सारी मस्तियां


जली हुई चूल्हे की मिट्टी की सोंधी खुशबू कहां नजर आती है
पीपल में बंधी झूले की रस्सी अपनी निशां तरासती है
लंबी चौड़ी पगडंडी अब संकरी सी नजर आती है
गांव की सरकारी स्कूल खंडहरों की दास्तां सुनाती है

गांव में गोरी की पायल अब शोर मचाती नहीं
घुंघरू की आवाज अब गलियों में कहीं से आती नहीं

©Deepika Yadav

इन्ही आंगन में कभी चहकती थी चिड़ियां

14 Love

World environment day हमें काट कर जो तुम ये शहर बसा रहे हो । अपने ही हाथों अपनी दुनिया क्यों उजाड़ रहे हो। गुरूर है तुम्हें जो इस बात का ' विकास कर रहे हो'। हरियालियों को मिटाकर , रोगों का निवास कर रहे हो। ©Deepika Yadav

#StarsthroughTree #विचार  World environment day

हमें काट कर जो तुम ये शहर बसा रहे हो ।
अपने ही हाथों अपनी दुनिया क्यों उजाड़ रहे हो।
गुरूर है तुम्हें जो इस बात का ' विकास कर रहे हो'।
हरियालियों को मिटाकर , रोगों का निवास कर रहे हो।

©Deepika Yadav

World environment day save tree save health, #StarsthroughTree

14 Love

जीत खुद से ही जीतने की जिद्द बना तू हर मुश्किल से कर डटकर सामना तू तोड़ दे पैरों की हर बेड़ियां तू मुश्किल है मगर नामुमकिन नहीं दिखा उन आंधियों को टुटी हुई बेड़ियां दे रही जो चुनौतियां तुझे हार मानूंगा नहीं जता दे उन्हें जो धिक्कार रहे थे तेरी जमींर को मायूस मत हो वजूद तेरा छोटा नहीं तु वो कर सकता है जो किसी ने सोचा नहीं दुनिया की औकात नहीं जो तुझे उड़ने से रोके कैद है तू अपने ही नजरिए के पिंजरे में ©Deepika Yadav

#कविता  जीत

खुद से ही जीतने की जिद्द बना तू
हर मुश्किल से कर डटकर सामना तू
  तोड़ दे पैरों की हर बेड़ियां  तू

मुश्किल है मगर नामुमकिन नहीं
दिखा उन आंधियों को टुटी हुई बेड़ियां 
दे रही  जो चुनौतियां तुझे
हार मानूंगा नहीं जता दे उन्हें 
जो धिक्कार रहे थे तेरी जमींर को

मायूस मत हो वजूद तेरा छोटा नहीं
तु वो कर सकता है जो किसी ने सोचा नहीं
दुनिया की औकात नहीं जो तुझे उड़ने से रोके 
कैद है तू अपने ही नजरिए के पिंजरे में

©Deepika Yadav

खुद से ही जीतने की जिद्द बना तु

15 Love

गुम से क्यों बैठे हो खुद से नजरें मिलाओ तो सही अंधियारों को भुला बैठोगे ,खुद का नजरिया बनाओं तो सही माना कठिन है पगडंडी ,मगर खुद के कदमों से चलो तो सही है कायर समझती दुनिया तुम्हें मगर निडरता से लड़ो तो सही ©Deepika Yadav

#कविता #Shades  गुम से क्यों बैठे हो खुद से नजरें मिलाओ तो सही 
अंधियारों को भुला बैठोगे ,खुद का नजरिया बनाओं तो सही
माना कठिन है पगडंडी ,मगर खुद के कदमों से चलो तो सही
है कायर समझती दुनिया तुम्हें
मगर निडरता से लड़ो तो सही

©Deepika Yadav

गुम से क्यों बैठे हो #Shades

15 Love

जन्नत उन्हें मुबारक हो जो किसी की जान ले कर कमाते हैं। हम तो अपने देश की रक्षा के लिए जहन्नुम से भी लड़ जाते हैं। ©Deepika Yadav

#विचार  जन्नत उन्हें मुबारक हो जो किसी की जान ले कर कमाते हैं।
 हम तो अपने देश की रक्षा के लिए जहन्नुम से भी लड़ जाते हैं।

©Deepika Yadav

Army life

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