खुशियों की कैडबरी को ले गए वो छीन कर, करता रहा मैं | हिंदी शायरी
"खुशियों की कैडबरी को ले गए वो छीन कर,
करता रहा मैं इखट्टे रैपर बीन बीन कर।
कुछ इस कदर हुई थी बोझिल "इरादत" मेरी खुद से तब,
लग रहा था पत्थर मुझको खुदा भी इस जमीन पर।।"
खुशियों की कैडबरी को ले गए वो छीन कर,
करता रहा मैं इखट्टे रैपर बीन बीन कर।
कुछ इस कदर हुई थी बोझिल "इरादत" मेरी खुद से तब,
लग रहा था पत्थर मुझको खुदा भी इस जमीन पर।।