गुजार दिए होंगे तुमने कई दिन महीने साल
जो काट ना सकोगे वो एक रात मै हूं
की होंगी गुफ्तगू तुमने कई दफा कई लोगो से
दिल पर जो लगेगी वो एक बात मै हूं
भीड़ में भी जब तन्हा खुद को तुम पाओगे न
तो अपनेपन का अहसास जो करा दे वो एक साथ मै हूं
बिताए होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में
जो भूला नहीं पाओगे वो एक याद मै हूं
एहसास # विनय शुक्ला