Vinay Shukla

Vinay Shukla Lives in New Delhi, Delhi, India

poetry love

www.vinayshukla

  • Latest
  • Popular
  • Video
#कविता  कभी ठहरना कहीं तो सोचना
क्या सच में हम एक दूसरे से मोहब्बत नही करते
क्या रह पाते है हम एक दूसरे से मिले बगैर
क्या आता है सुकून हमको बिना देखे 
मगर रहना पड़ रहा है ना 
यही बात जो है दिल को खाए जा रही है
क्या कोई इसीलिए प्यार करता है 
क्या इसीलिए एक दूसरे पर जान छिड़कता है कोई
इसका जवाब ढूंढ रहा हूं 
बैठा रहता हूं किसी कोने में अपने दिल की आवाज़ सुनने को
मगर ये मेरा दिल अब है कहा मेरे पास जो सुनाई दे
अक्सर तुम कहते थे ना बहुत से लोग हैं मेरे पास
शायद गलत थे तुम 
बहुत से लोग भी तुमसे ही बनते थे
तुम्हारे साथ होने से ही उनसे भी सुकून आता था
तुम्हारे पास होने का मेरे साथ होने का अहसास ही 
मुझे तमाम लोगो के साथ बात करने का हौसला देता था
देखो ना अब तुम नही हो मेरे पास
तो कितना अकेला हूं कहीं जी ही नही लग रहा
उन तमाम यारियों का कोई फलसफा ही नही है
कितना उदास है मन कितना बेचैन है लगता है जैसे
कोई बसा बसाया शहर है जो उजड़ गया है

©Vinay Shukla

कभी ठहरना कहीं तो सोचना क्या सच में हम एक दूसरे से मोहब्बत नही करते क्या रह पाते है हम एक दूसरे से मिले बगैर क्या आता है सुकून हमको बिना देखे मगर रहना पड़ रहा है ना यही बात जो है दिल को खाए जा रही है क्या कोई इसीलिए प्यार करता है क्या इसीलिए एक दूसरे पर जान छिड़कता है कोई इसका जवाब ढूंढ रहा हूं बैठा रहता हूं किसी कोने में अपने दिल की आवाज़ सुनने को मगर ये मेरा दिल अब है कहा मेरे पास जो सुनाई दे अक्सर तुम कहते थे ना बहुत से लोग हैं मेरे पास शायद गलत थे तुम बहुत से लोग भी तुमसे ही बनते थे तुम्हारे साथ होने से ही उनसे भी सुकून आता था तुम्हारे पास होने का मेरे साथ होने का अहसास ही मुझे तमाम लोगो के साथ बात करने का हौसला देता था देखो ना अब तुम नही हो मेरे पास तो कितना अकेला हूं कहीं जी ही नही लग रहा उन तमाम यारियों का कोई फलसफा ही नही है कितना उदास है मन कितना बेचैन है लगता है जैसे कोई बसा बसाया शहर है जो उजड़ गया है ©Vinay Shukla

109 View

#mansichaudhary #Nojoto2liner #nojoto2020 #nojoto2021 #nojohindi
#शायरी #Nojoto2liner #nojoto2021 #nojoto❤ #Memories
#nojothindi #shayri #Video #no

गुजार दिए होंगे तुमने कई दिन महीने साल जो काट ना सकोगे वो एक रात मै हूं की होंगी गुफ्तगू तुमने कई दफा कई लोगो से दिल पर जो लगेगी वो एक बात मै हूं भीड़ में भी जब तन्हा खुद को तुम पाओगे न तो अपनेपन का अहसास जो करा दे वो एक साथ मै हूं बिताए होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में जो भूला नहीं पाओगे वो एक याद मै हूं

 गुजार दिए होंगे तुमने कई दिन महीने साल
जो काट ना सकोगे वो एक रात मै हूं 

की होंगी गुफ्तगू तुमने कई दफा कई लोगो से
दिल पर  जो लगेगी वो एक बात मै हूं

भीड़ में भी जब तन्हा खुद को तुम पाओगे न
तो अपनेपन का अहसास जो करा दे वो एक साथ मै हूं

बिताए होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में
जो भूला नहीं पाओगे वो एक याद मै हूं

एहसास # विनय शुक्ला

11 Love

बरसों बाद दिखा वो चेहरा , वहीं हंसी वो रंग सुनहरा वही बचपना वही शरारत वही कहकहे वही वो पहरा बहुत ख़ुश थी वो जैसे कोई रिश्ता ही न रहा हो मुझसे ना कोई शिकन न कोई ग़म कुछ कह भी ना सका उससे ना उसकी आंखो में देखा ना अपनी दासता सुनाई ना मोहब्बत की बातें ना हुई वजह बेवफ़ाई वही थी आवाज उसकी वही थी वो लरजिश मेरे भी कदमों में थी वो ही बंदिश यार ऐसे तो न थे तुम तेरे दिल में दया थी प्यार था मै तेरा ये तेरी बया थी फिर अचानक तू कैसे ऐसे हो गई मोहब्बत फिर मेरी कहां खो गई ना जी पाऊंगा तुम बिन तुझसे कहा है तुझे क्या पता मैंने कितना सहा है लिखता रहता हूं हरपल तेरी ही यांदे बिन तेरे आंसू ये मुझको रूला दे तेरे पावो में जो कुछ भी ज़ख्म गम है मोहब्बत भरे लब ही उनका मरहम हैं

 बरसों बाद दिखा वो चेहरा , वहीं हंसी वो रंग सुनहरा
वही बचपना वही शरारत वही कहकहे वही वो पहरा
बहुत ख़ुश थी वो जैसे कोई रिश्ता ही न रहा हो मुझसे
ना कोई शिकन न कोई ग़म कुछ कह भी ना सका उससे
ना उसकी आंखो में देखा ना अपनी दासता सुनाई
ना मोहब्बत की बातें ना हुई वजह बेवफ़ाई
वही थी आवाज उसकी वही थी वो लरजिश
मेरे भी कदमों में थी वो ही बंदिश
यार ऐसे तो न थे तुम तेरे दिल में दया थी
प्यार था मै तेरा ये तेरी बया थी
फिर अचानक तू कैसे ऐसे हो गई
मोहब्बत फिर मेरी कहां खो गई
ना जी पाऊंगा तुम बिन तुझसे कहा है
तुझे क्या पता मैंने कितना सहा है
लिखता रहता हूं हरपल तेरी ही यांदे
बिन तेरे आंसू ये मुझको रूला दे
तेरे पावो में जो कुछ भी ज़ख्म गम है
मोहब्बत भरे लब ही उनका मरहम हैं

बरसों बाद दिखा वो चेहरा , वहीं हंसी वो रंग सुनहरा वही बचपना वही शरारत वही कहकहे वही वो पहरा बहुत ख़ुश थी वो जैसे कोई रिश्ता ही न रहा हो मुझसे ना कोई शिकन न कोई ग़म कुछ कह भी ना सका उससे ना उसकी आंखो में देखा ना अपनी दासता सुनाई ना मोहब्बत की बातें ना हुई वजह बेवफ़ाई वही थी आवाज उसकी वही थी वो लरजिश मेरे भी कदमों में थी वो ही बंदिश यार ऐसे तो न थे तुम तेरे दिल में दया थी प्यार था मै तेरा ये तेरी बया थी फिर अचानक तू कैसे ऐसे हो गई मोहब्बत फिर मेरी कहां खो गई ना जी पाऊंगा तुम बिन तुझसे कहा है तुझे क्या पता मैंने कितना सहा है लिखता रहता हूं हरपल तेरी ही यांदे बिन तेरे आंसू ये मुझको रूला दे तेरे पावो में जो कुछ भी ज़ख्म गम है मोहब्बत भरे लब ही उनका मरहम हैं

8 Love

Trending Topic