White थोड़ा मैं सोना चाहूँगा,
स्वप्न बीज बोना चाहूँगा,
उम्र क़ैद से मिली रिहाई,
तेरा मैं होना चाहूँगा,
काँधे पर सिर रखके पारो,
जी भरकर रोना चाहूँगा,
अंग संग होकर प्रेमी के,
मैं ख़ुद को खोना चाहूँगा,
महाकुंभ में पाप जहां का,
गंगा में धोना चाहूँगा,
नफ़रत की दीवार तोड़कर,
दिल में इक कोना चाहूँगा,
कजरारे नैनों का 'गुंजन',
फिर जादू-टोना चाहूँगा,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
समस्तीपुर बिहार
©Shashi Bhushan Mishra
#स्वप्न बीज बोना चाहूँगा#