मुश्किल थी संभलना ही पड़ा घर के वास्ते, और घर से न | हिंदी شاعری۔ Vide

"मुश्किल थी संभलना ही पड़ा घर के वास्ते, और घर से निकलना ही पड़ा घर के वास्ते, मजबूरियों का नाम हमने शौक रख दिया, और शौक बदलना ही पड़ा घर के वास्ते ©Zuber Khan "

मुश्किल थी संभलना ही पड़ा घर के वास्ते, और घर से निकलना ही पड़ा घर के वास्ते, मजबूरियों का नाम हमने शौक रख दिया, और शौक बदलना ही पड़ा घर के वास्ते ©Zuber Khan

#rush shayri#

People who shared love close

More like this

Trending Topic