तुमसे मिलकर लगा कि जीवन मुकम्मल हुआ
तो सुनो प्रिय अब तुमपर कोई विश्वास नही ।
तुम्हारे लिए फिर से धड़के ये दिल
साँसों में वो एहसास नही ।
तुमको तो अच्छे अच्छे चेहरे पसंद हैं
तो सुनो प्रिय पहले जैसे अब तुम खास नही ।
साथ होकर भी और लोग से मीठी मीठी बाते करते
तो अब हमसे विश्वासघात नही ।
तुम्हारे चरित्र पर ऊँगली कभी न उठाऊंगा
लेकिन मेरे होने और न होने से तुमको कोई आभास नही ।
तुम अपनी जीवन में कुछ भी करो
लेकिन सुनो प्रिय अब मेरे पर कोई अभ्यास नही ।
बहुत हैं तुम अच्छे चेहरे को चाहने वाले
सच्चे दिल से कदर करने वाले आते तुमको रास नही
सुनो प्रिय अब तुमपर कोई विश्वास नही ।
ओम
©Hariom Mishra