सुनो न,,
तुम मिलना ऐसे पुरुष से जिसके आंसूओ का प्रमाण उसके भीगे रात के तकिये से मिलेगा,,
जो ढूढ़ता है एक कन्धा,
ढूढ़ता है एक गोदी जहाँ वो सर रख कर रोक कर अपने मन को हल्का कर सके,,
जिसके भीतर दर्द का सागर होता है,,
जो हमेशा ठुकराया गया,,,
कभी मिलना ऐसे पुरुष से फुर्सत मे,,,
जो तुम्हारी पीड़ा को अपना ही समझेगा लेकिन उसकी पीड़ा को कोई न समझ सका,,,
तुम मिलना एक बार ऐसे पुरुष से।
S Rihan
©Rihan khan
सुनो ना
मिलोगे क्या। गीत बस एक ख़्याल @Sethi Ji @PUJA UDESHI @Dr. Asha Yashshree @Harvinder Ahuja