आचार्यश्री विद्यासागर से कुछ सवाल,
माना कि हाल नहीं पूछ सकते आपका,
पर आपका हाल लिख तो सकते।
माना कि आप जैसा बन नहीं सकते,
आपके शिष्य बनने की कोशिश तो कर सकते
माना कि आपसे बात नहीं कर सकते,
आपकी बातें तो सुन सकते है।
माना आपसे नहीं मिल सकती
आपको भरी सभा मे देख तो सकती हूं।
माना अपने दर्द कम नहीं कर सकती,
पर अपने दर्द आपको तो सुना सकती हूं।
माना आपसे कदम नहीं मिला सकती,
आपके बने कदमो पर तो चल सकती हूं।
©Pratibha Jain