कितना बदल गयी है वो
अब ना नही करती है
कुछ कहो तो मान जाती है
दोस्तो को नाराज नही करती
पास बुलाओ आ जाती है
तस्वीर भी खिंचा लेती है
कोई संकोच नही कोई गिला नही
मानो उसे भी एहसास है
सालो का साथ जो रहा कभी
अब चंद दिनो का अवशेष है
अब ये वक्त मीले न मिले
सो जी लेते है हम सब
थोड़ी शरारत थोड़ा मजाक
सब चलता है भला जिंदगी में
कहा यारो का साथ मिलता है
तेरी यही अदा तो हमे भाती है
तू मेरी ही नही
तू तो हम सबका साथी है
ये बातों के सिलसिला भी
न पता कब थम जाए
जो है आज तक है
डरता हूँ ये था न हो जाये
हा ये था न हो जाये
©ranjit Kumar rathour
साथ है से था हो जाये