ऐ ख़ुदा, माफ़ करना उस प्यार के लिए, जो मुझे उससे क | हिंदी शायरी
"ऐ ख़ुदा, माफ़ करना उस प्यार के लिए,
जो मुझे उससे कभी हुआ ही नहीं,
हाँ, मानता हूं मैं कि,
उसको छोड़ना मेरी बहुत बड़ी ग़लती थी,
गुस्से में ही, रूठकर ही सही, कम से कम,
वो मेरे साथ कदम से कदम मिलाकर चलती तो थी।"
ऐ ख़ुदा, माफ़ करना उस प्यार के लिए,
जो मुझे उससे कभी हुआ ही नहीं,
हाँ, मानता हूं मैं कि,
उसको छोड़ना मेरी बहुत बड़ी ग़लती थी,
गुस्से में ही, रूठकर ही सही, कम से कम,
वो मेरे साथ कदम से कदम मिलाकर चलती तो थी।