अंत पर विजय अनंत शब्द ढूंढते रहे, फिर दिवस यूं पिछ | हिंदी कविता

"अंत पर विजय अनंत शब्द ढूंढते रहे, फिर दिवस यूं पिछला व्यतीत हो गया, बढ़ने का नाम ज़िन्दगी और रुक गए हम, और मृत्यु को तुमने धारण कर लिया, शवों के रेले लगे हैं जब हर गली कूंचे से, नाम कर यूं हुए गुमनाम खुद को आम कर लिया...✍🏼 RIP"

 अंत पर विजय अनंत शब्द ढूंढते रहे,
फिर दिवस यूं पिछला व्यतीत हो गया,
बढ़ने का नाम ज़िन्दगी और रुक गए हम,
और मृत्यु को तुमने धारण कर लिया,
शवों के रेले लगे हैं जब हर गली कूंचे से,
नाम कर यूं हुए गुमनाम खुद को आम कर लिया...✍🏼
RIP

अंत पर विजय अनंत शब्द ढूंढते रहे, फिर दिवस यूं पिछला व्यतीत हो गया, बढ़ने का नाम ज़िन्दगी और रुक गए हम, और मृत्यु को तुमने धारण कर लिया, शवों के रेले लगे हैं जब हर गली कूंचे से, नाम कर यूं हुए गुमनाम खुद को आम कर लिया...✍🏼 RIP

#RIP #irfan_khan
#Rishi_Kapoor

People who shared love close

More like this

Trending Topic