लबों की मुस्कुराहट से फूलों पे खुमारी छाने लगे तेर | हिंदी शायरी
"लबों की मुस्कुराहट से फूलों पे खुमारी छाने लगे
तेरी हँसी को देखकर मौसम ए बहार गुनगुनाने लगे
फलसफा तो जिन्दगी का बस इतना है यारों
खिलखिलाओ ऐसे ,अश्क भी मुस्कुराने लगें"
लबों की मुस्कुराहट से फूलों पे खुमारी छाने लगे
तेरी हँसी को देखकर मौसम ए बहार गुनगुनाने लगे
फलसफा तो जिन्दगी का बस इतना है यारों
खिलखिलाओ ऐसे ,अश्क भी मुस्कुराने लगें