एक तर्क ये है की खुश मिजाज हु मैं
एक सच ये है की किसी ने दुख नही पूछा
हम सोचते थे जमाना क्या कहेगा
हक़ीक़त में किसी ने कुछ नही पूछा
सभी के लिए का आवाज बनता रहा मैं
मेरी बारी आई तो किसी ने हक़ नहीं पूछा
अब क्या सोचे की किसने क्यू कब नही पूछा
सौ की सीधी एक बात बस नही पूछा !
©Neophyte
नही पूछा !