White ऐसे ही सोच रहा था, अगर सरकारी बैंक न आते त | हिंदी विचार

"White ऐसे ही सोच रहा था, अगर सरकारी बैंक न आते तो क्या बंधुआ मजदूरी ख़त्म हो सकती थी ?? लगता है साहूकार और जमींदार फिर चेहरा बदल कर आ रहे हैं ।।😥।। ©Ram Yadav"

 White ऐसे ही सोच रहा था,

अगर सरकारी बैंक न आते

तो

क्या बंधुआ मजदूरी ख़त्म हो सकती थी
??

लगता है
साहूकार और जमींदार 
फिर चेहरा बदल कर आ रहे हैं
।।😥।।

©Ram Yadav

White ऐसे ही सोच रहा था, अगर सरकारी बैंक न आते तो क्या बंधुआ मजदूरी ख़त्म हो सकती थी ?? लगता है साहूकार और जमींदार फिर चेहरा बदल कर आ रहे हैं ।।😥।। ©Ram Yadav

#sad_shayari #भारत

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