White हां
किताबें तो बहुत कुछ लिखे बैठी हैं
मायालोक में घूमती एक भीड़
इन पन्नों पर इतराती
इन पन्नों पर झुंझलाती
इन्ही पन्नों पर आदमियों,पहाड़ों, जंगलों, जानवरों
को काटती
इन्हीं पन्नों पर कार, जहाज, दिमागी कंप्यूटर बनाती
वो भीड़
.........
एक इंसान की तलाश है
जो पेड़ को बड़ा होते देख सके
जो पहाड़ी पत्थरों को क्रेन से न तोड़े
जो पानी की कलकल वाली आवाज पर नाचता मिले
जो चिड़ियों की चहचाहट के साथ गाता मिले
एक इंसान की तलाश है
जो भागती अंधी भीड़ को रोक कर इंसान बना दे
©Ram Yadav
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