अगर आपके पास मौलिक चिंतन, मौलिक विचार, मौलिक सोच, मौलिक राय
जैसा कुछ भी नहीं है..
तो आप सृजनशील नहीं हो सकते,
और जब तक आप सृजनशील नहीं हो
तब तक इस संसार में आपका कोई महत्व नही है... महत्त्वहीन से महत्वपूर्ण बनने के लिए
मौलिकता जरूरी है और मौलिकता के लिए
स्वयं का स्वयं के प्रति जागरूक और ईमानदार
होना जरूरी है...
इति ज्ञानम...
©Shiv~
#dryleaf #Life_experience