मैं अरण्य में गुंजते उस ध्वनि की तरह हूँ, जिसे न कोई सुनता है, न कोई समझता है, और न ही कोई मानता है... ©अज्ञेय गोलू Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto