White मजदूर हूँ मजबूर नहीं।
मेहनत करता हूँ, रोज कमाता हूँ।।
घर द्वार छोड़ पसीना बहाता हूँ।।
आँख से अश्क बहता हूँ ,पर संगीत गाता हूँ।
मजदूर हूँ मजबूर नही।।
सर्दी हो या गर्मी कभी न रुकता हूँ।
दिन भर श्रम कर मेहनत कमाता हूँ।
गरीब हूँ पर मेहनत से न कतराता हूँ।
मजदूर हूँ मजबूर नहीं।
कैसा भी हो किसी को कमजोरी न बताता हूँ।
काम करता हूँ जी न चुराता हूँ।।
मेहनती हूँ मेहनत से न घबराता हूँ।
मजदूर हूँ मजबूर नहीं।।
मजदूर हूँ जग मे मशहूर हूँ।
अन्न उपजाता हूँ सबको खिलाता हूँ।।
श्रम करता हूँ, पसीना बहाता हूँ ।
मजदूर हूँ मजबूर नहीं।।
शोणित बहाता हूँ,जग में काम करता हूँ।
जहाँ भी रहता हूँ दिन रात मेहनत करता हूँ।।
हँसता हूँ लोगों को हँसाता हूँ।
मजदूर हूँ मजबूर नहीं।
©संगीत कुमार
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