संगीत कुमार

संगीत कुमार Lives in Jabalpur, Madhya Pradesh, India

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(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ। तुझ जैसी काश मै बन पाऊ माँ।। अपने बच्चे को सारे गुण जो दे पाऊ माँ। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। जब छोटे थे, तब तुम्हारा त्याग पता चलता ही नहीं था। आज जब खुद माँ बने तो पता चला।। कितने तप त्याग किये तुम ने। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज जो भी हूँ सब तुम्हारे बदौलत ही तो हूँ। जो भी सीखा तुझसे ही सीखा।। तू न होती ,तो मैं एक कोरा कागज -सी होती। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। कितना भी अभाव क्यों न हो। तुमने हमे किसी चीज का अभाव होने न दिया।। खुद नया न पहनती, पर हमे जरूर दिलवाती। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तुम्हारा डाँट,तुम्हारा प्यार। पढाई के लिए वो प्यार भरी मार।। खुद समझती थी , फिर हमे समझाती थी। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कभी सजना सवँरना तो तुम्हें आता ही न था। मै यह नहीं कहती कि तेरी इच्छा न होती होगी।। पर समय की किल्लत ही इतनी थी तेरे पास। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। कुछ गुण न था मुझमे। फिर भी सबसे बड़ाई ही करती थी।। कहती थी नाज है तू मेरा। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। आज मै खुद को खुशनसीब समझती हूँ। आज एक नहीं दो-दो माँऐं है मेरे पास।। एक ने मुझे गुण-सम्पन्न बनाया,दूजे ने गुण-सम्पनन्न दिया। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। क्या लिंखू क्या कहूँ माँ। आपके प्यार- त्याग के बारे में माँ।। एक ग्रंथ भी छोटा पड़ जाएगा। माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। (दिव्या संगीत , दरभंगा ) 🖋️स्व-रचित 🌹🌹 ©संगीत कुमार

#कविता #motherlove  (दिव्या संगीत रचित)

माँ
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।
सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। 
क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ। 
तुझ जैसी काश मै बन पाऊ माँ।। 
अपने बच्चे को सारे गुण जो दे पाऊ माँ।
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
जब छोटे थे, तब तुम्हारा त्याग पता चलता ही नहीं था। 
आज जब खुद माँ बने तो पता चला।। 
कितने तप त्याग किये तुम ने। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
आज जो  भी हूँ सब तुम्हारे बदौलत ही तो हूँ। 
जो भी सीखा तुझसे ही सीखा।। 
तू न होती ,तो मैं एक कोरा कागज -सी होती। 
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कितना भी अभाव क्यों न हो। 
तुमने  हमे किसी चीज का अभाव होने न दिया।।
खुद नया न पहनती, पर हमे जरूर दिलवाती। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
तुम्हारा डाँट,तुम्हारा प्यार। 
पढाई के लिए वो प्यार भरी मार।। 
खुद समझती थी , फिर हमे समझाती थी।
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कभी सजना सवँरना तो तुम्हें आता ही न था। 
मै यह नहीं  कहती कि तेरी इच्छा  न होती होगी।। 
पर समय की किल्लत ही इतनी थी तेरे पास। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
कुछ गुण न था मुझमे। 
फिर भी सबसे बड़ाई ही करती थी।। 
कहती थी नाज है तू मेरा। 
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
आज मै खुद को खुशनसीब समझती हूँ। 
आज एक नहीं दो-दो माँऐं है मेरे पास।। 
एक ने मुझे गुण-सम्पन्न बनाया,दूजे ने गुण-सम्पनन्न दिया।
माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। 
क्या लिंखू क्या कहूँ माँ। 
आपके प्यार- त्याग के बारे में माँ।। 
एक ग्रंथ भी छोटा पड़ जाएगा। 
माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ।
  (दिव्या संगीत , दरभंगा )
    🖋️स्व-रचित 🌹🌹

©संगीत कुमार

#motherlove(दिव्या संगीत रचित) माँ माँ ओ मेरी माँ,सबसे प्यारी मेरी माँ। सोचा की आज कुछ माँ पर लिखने बैठूँ।। क्या लिखू ,तेरी ही तो लिखावट हूँ मैं। माँ ओ मेरी माँ, सबसे प्यारी मेरी माँ।। तेरी ही तो परच्छाई हूँ, तुझसे ही तो आई हूँ।

10 Love

Black हे श्रमिक श्रम नायक। धरती-पुत्र तू अन्नदाता।। जीवनदायनी कर्मदाता । कोई वो क्षेत्र नहीं, जहाँ तू विराजित नहीं।। हे श्रमिक श्रमनायक। संस्कृति के तू रखवाले। जग के तू पालनकर्ता ।। आपदा में तुम हीं दिखते। सुखदा में भी तेरा नाम।। हे श्रमिक श्रमनायक। खेत-खलिहान में तू ही दिखते। कल-कारखानो में भी तू ही बसते।। नगर-नगर में तुम्हें ही पाते। जग के भर्ता पालनकर्ता।। हे श्रमिक श्रमनायक। आँसू पीड़ा दुःख का जीवन। पर सबको को बरसाते अमृत।। खुद हलाहल पी कर भी। जीवन सुखद बनाते हो। हे श्रमिक श्रमनायक। ©संगीत कुमार

#कविता #Morning  Black हे श्रमिक श्रम नायक। 
धरती-पुत्र तू अन्नदाता।। 
जीवनदायनी कर्मदाता ।
कोई वो क्षेत्र नहीं, जहाँ  तू विराजित नहीं।। 
हे श्रमिक श्रमनायक। 
संस्कृति के तू रखवाले। 
जग के तू पालनकर्ता ।। 
आपदा में तुम हीं दिखते। 
सुखदा में भी तेरा  नाम।। 
हे श्रमिक श्रमनायक। 
खेत-खलिहान में तू ही दिखते। 
कल-कारखानो में भी तू ही बसते।। 
नगर-नगर में तुम्हें ही पाते। 
जग के भर्ता पालनकर्ता।। 
हे श्रमिक श्रमनायक। 
आँसू पीड़ा दुःख का जीवन। 
 पर सबको को बरसाते अमृत।। 
खुद हलाहल पी कर भी। 
जीवन सुखद बनाते हो। 
हे श्रमिक श्रमनायक।

©संगीत कुमार

#Morning हे श्रमिक श्रम नायक। धरती-पुत्र तू अन्नदाता।। जीवनदायनी कर्मदाता । कोई वो क्षेत्र नहीं, जहाँ तू विराजित नहीं।। हे श्रमिक श्रमनायक। संस्कृति के तू रखवाले। जग के तू पालनकर्ता ।। आपदा में तुम हीं दिखते।

11 Love

White मजदूर हूँ मजबूर नहीं। मेहनत करता हूँ, रोज कमाता हूँ।। घर द्वार छोड़ पसीना बहाता हूँ।। आँख से अश्क बहता हूँ ,पर संगीत गाता हूँ। मजदूर हूँ मजबूर नही।। सर्दी हो या गर्मी कभी न रुकता हूँ। दिन भर श्रम कर मेहनत कमाता हूँ। गरीब हूँ पर मेहनत से न कतराता हूँ। मजदूर हूँ मजबूर नहीं। कैसा भी हो किसी को कमजोरी न बताता हूँ। काम करता हूँ जी न चुराता हूँ।। मेहनती हूँ मेहनत से न घबराता हूँ। मजदूर हूँ मजबूर नहीं।। मजदूर हूँ जग मे मशहूर हूँ। अन्न उपजाता हूँ सबको खिलाता हूँ।। श्रम करता हूँ, पसीना बहाता हूँ । मजदूर हूँ मजबूर नहीं।। शोणित बहाता हूँ,जग में काम करता हूँ। जहाँ भी रहता हूँ दिन रात मेहनत करता हूँ।। हँसता हूँ लोगों को हँसाता हूँ। मजदूर हूँ मजबूर नहीं। ©संगीत कुमार

#कविता #alone  White मजदूर हूँ मजबूर नहीं। 
मेहनत करता हूँ, रोज कमाता हूँ।।
घर द्वार छोड़ पसीना बहाता हूँ।।
आँख से अश्क बहता हूँ  ,पर संगीत  गाता हूँ। 
मजदूर  हूँ मजबूर नही।। 
                                                                 सर्दी हो या गर्मी कभी न रुकता हूँ। 
दिन भर श्रम कर मेहनत कमाता हूँ। 
गरीब हूँ पर मेहनत से न कतराता  हूँ। 
मजदूर हूँ मजबूर नहीं।
कैसा भी हो किसी को कमजोरी न बताता हूँ। 
काम करता हूँ जी न चुराता हूँ।। 
मेहनती हूँ  मेहनत से न घबराता हूँ। 
मजदूर हूँ मजबूर नहीं।। 
मजदूर हूँ जग मे मशहूर हूँ। 
अन्न उपजाता हूँ सबको खिलाता हूँ।। 
श्रम करता हूँ, पसीना बहाता हूँ । 
मजदूर हूँ मजबूर नहीं।। 
शोणित बहाता हूँ,जग में काम करता हूँ।
जहाँ भी रहता हूँ दिन रात मेहनत करता हूँ।। 
हँसता हूँ लोगों को हँसाता हूँ। 
मजदूर हूँ मजबूर नहीं।

©संगीत कुमार

#alone

14 Love

आज पुनीत दिन आया है पांच वर्ष बाद भागीदारी का जन आकांक्षा का पर्व ये हमसब भागीदार बन निभायेंगे फिर से फाताका फहरायेंगे विश्व में डंका बजायेंगी लूटेरा को दूर भगायेंगे मां भारती का लाज बचायेंगे निकम्मे को दूर भगायेंगे राष्ट्रहित की बात गुनगुनायेंगे चलो चलो मिल वोट डालेंगे फिर से भारत को स्वर्ग बनायेंगे आज पुनीत दिन आया है पांच वर्ष बाद भागीदारी का ©संगीत कुमार

#कविता #election  आज पुनीत दिन आया है
पांच वर्ष बाद भागीदारी का 
जन आकांक्षा का पर्व ये
हमसब भागीदार बन निभायेंगे
फिर से फाताका फहरायेंगे
विश्व में  डंका बजायेंगी
लूटेरा को दूर भगायेंगे
मां भारती का लाज बचायेंगे
निकम्मे को दूर  भगायेंगे 
राष्ट्रहित की बात गुनगुनायेंगे
चलो चलो मिल वोट डालेंगे
फिर से भारत को स्वर्ग बनायेंगे
आज पुनीत दिन आया है 
पांच वर्ष बाद भागीदारी का

©संगीत कुमार

#election आज पुनीत दिन आया है पांच वर्ष बाद भागीदारी का जन आकांक्षा का पर्व ये हमसब भागीदार बन निभायेंगे फिर से फाताका फहरायेंगे विश्व में डंका बजायेंगी लूटेरा को दूर भगायेंगे मां भारती का लाज बचायेंगे

9 Love

Meri Mati Mera Desh 26. (भारतीय रेल) भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारत की धरती पर दिन 16 अप्रैल 1853 से चलना शुरू हुआ।। एशिया मे तू दुसरा सबसे बड़ा रेल - जाल बना। सरकारी अधिकृत वाला जग का तू चतुर्थ रेल-क्रांति बना।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारत के परिवहन का अभिन्न श्रोत बना। तेरह लाख से अधिक कर्मचारियों तु परिवार बना।। सबके जीवनरूपी आनंद को एक सूत्र मे बांँधे रहा। उत्तर-दक्षिण, पूर्व -पश्चिम हर कोने सबको पहुँचाता रहा।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारतीय रेल टूटे दिलों को जोड़ता रहा। आपदा में हर क्षेत्र को सामग्री पहुँचाता रहा ।। कर्मचारी , सजग होकर अपने पथ पर चलता रहा। हर प्रलय को झेलता रहा, सब की सेवा करता रहा।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारतीय रेल सत्रह क्षेत्र में विभक्त है। अनेक उपक्रम इसके अधीन कार्यरत है।। कार्य करने को सब तत्पर है। उन्नति की ओर अग्रसर है।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारतीय रेल कामयाबी अपने नाम किया। विश्व धरोहर सूची मे नाम दर्ज हुआ।। अनेक गाड़ीयाँ अपने नाम किया। अपने-अपने क्षेत्र में पहचान हुआ।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। ©संगीत कुमार

#कविता  Meri Mati Mera Desh 26.	(भारतीय रेल)
भारतीय  रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। 
भारत की धरती पर दिन 16 अप्रैल 1853 से चलना शुरू हुआ।। 
एशिया मे तू दुसरा सबसे बड़ा रेल - जाल बना। 
सरकारी अधिकृत वाला जग का तू चतुर्थ रेल-क्रांति बना।। 
भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। 

भारत के परिवहन का अभिन्न श्रोत बना। 
तेरह लाख से अधिक कर्मचारियों तु परिवार बना।।
सबके जीवनरूपी आनंद को एक सूत्र मे बांँधे रहा। 
उत्तर-दक्षिण, पूर्व -पश्चिम हर कोने सबको पहुँचाता रहा।। 
भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। 

भारतीय रेल टूटे दिलों को जोड़ता रहा। 
आपदा में  हर क्षेत्र को सामग्री पहुँचाता रहा ।।
कर्मचारी , सजग होकर अपने पथ पर चलता रहा।
हर प्रलय को झेलता रहा, सब की सेवा करता रहा।।
भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। 

भारतीय रेल सत्रह क्षेत्र में विभक्त  है। 
अनेक उपक्रम इसके अधीन कार्यरत है।। 
कार्य करने को सब तत्पर है। 
उन्नति की ओर अग्रसर है।। 
भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। 

भारतीय रेल कामयाबी अपने नाम किया। 
विश्व धरोहर सूची मे नाम दर्ज  हुआ।। 
अनेक गाड़ीयाँ अपने नाम किया। 
अपने-अपने क्षेत्र में पहचान हुआ।। 
भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना।

©संगीत कुमार

#26. (भारतीय रेल) भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारत की धरती पर दिन 16 अप्रैल 1853 से चलना शुरू हुआ।। एशिया मे तू दुसरा सबसे बड़ा रेल - जाल बना। सरकारी अधिकृत वाला जग का तू चतुर्थ रेल-क्रांति बना।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारत के परिवहन का अभिन्न श्रोत बना।

12 Love

Meri Mati Mera Desh (चुनाव) चला दौर चुनाव का भैया पार्टी सार्टी मन रहा दारू मुर्गा खूब चल रहा नेता जनता का पैर पकड़ रहा खूब वादा कर रहा अपने को जनता का बेटा बता रहा घर घर सब से मिल रहा अपने को जनता का हितैषी बता रहा पैदल गाँव गाँव घूम रहा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहा अपना गुणगान गा रहा सबको उल्लू बना रहा चुनाव चुनाव में ही मिल रहा चुनाव जीतने पर जनता को भूल रहा अपना जेब सब भर रहा जनता का खून चूस रहा सब अपने को ईमानदार बता रहा सच्चाई ऐसा न दिख रहा दागी दोषी से है भरा पड़ा कोई जेल का चक्कर काट रहा तो कोई जेल से चुनाव लड़ रहा कुछ तो बीबी,बेटे को चुनाव उतार रहा कर जोड़ विनती कर रहा जाँच परख कर वोट डालना किसी के बहकावे में मत आना जर्जर हाल है शिक्षा व्यवस्था का महाविद्यालय, विश्वविद्यालय सिर्फ चमक रहा ज्ञान न अब उसमे मिल रहा नेतागिरी सिर्फ हो रहा प्रोफेसर साहब कक्षा में न दिख रहे लगता जैसे शिक्षण संस्थान बंद पड़ा अंचल, अनुमण्डल, जिला कार्यालय में लोग भटक रहे समय से न काम हो रहा पर नेता जी कहते खूब तरक्की हो रहा बाढ़ सूखे से ग्रस्त रहा नहर नाले का न व्यवस्था हुआ लोगों का जीवन बदहाल हुआ मच्छर सब जगह भनभना रहा अस्पताल सब गंदगी से भरापरा लोगों को उपचार न मिल रहा उद्योग धंधा कुछ न स्थापित हुआ जनता तो प्रांत छोड़ चला गुंडागर्दी दिख रहा लोग बात -बात पर लड़ रहा हाल बहुत बुरा है भैया जात पात से ऊपर उठना अच्छे प्रत्याशी को मिल चुनना चला दौर चुनाव का भैया ©संगीत कुमार

#MeriMatiMeraDesh #कविता  Meri Mati Mera Desh (चुनाव) 
चला दौर चुनाव का भैया 
पार्टी सार्टी मन रहा 
दारू मुर्गा खूब चल रहा 
नेता जनता का पैर पकड़ रहा 
खूब वादा कर रहा 
अपने को जनता का बेटा बता रहा
घर घर सब से मिल रहा
अपने को जनता का हितैषी बता रहा
पैदल गाँव गाँव घूम रहा 
एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहा 
अपना गुणगान गा रहा 
सबको उल्लू बना रहा 
चुनाव चुनाव में ही मिल रहा 
चुनाव जीतने पर जनता को भूल रहा
अपना जेब सब भर रहा 
जनता का खून चूस रहा
सब अपने को ईमानदार बता रहा
सच्चाई ऐसा न दिख रहा 
दागी दोषी से है भरा पड़ा 
कोई जेल का चक्कर काट रहा 
तो कोई जेल से चुनाव लड़ रहा 
कुछ तो बीबी,बेटे को चुनाव उतार रहा 
कर जोड़ विनती कर रहा 
जाँच परख कर वोट डालना 
किसी के बहकावे में मत आना 
जर्जर हाल है शिक्षा व्यवस्था का
महाविद्यालय, विश्वविद्यालय सिर्फ चमक रहा 
ज्ञान न अब उसमे मिल रहा 
नेतागिरी सिर्फ हो रहा 
प्रोफेसर साहब कक्षा में न दिख रहे 
लगता जैसे शिक्षण संस्थान बंद पड़ा 
अंचल, अनुमण्डल,  जिला कार्यालय में लोग भटक रहे 
समय से न काम हो रहा 
पर नेता जी कहते खूब तरक्की हो रहा 
बाढ़ सूखे से ग्रस्त रहा 
 नहर नाले का न व्यवस्था हुआ 
 लोगों का जीवन बदहाल हुआ 
मच्छर सब जगह भनभना रहा 
अस्पताल सब गंदगी से भरापरा 
लोगों को उपचार न मिल रहा 
उद्योग धंधा कुछ न स्थापित हुआ
जनता तो प्रांत छोड़ चला 
गुंडागर्दी दिख रहा
लोग बात -बात पर लड़ रहा 
हाल बहुत बुरा है भैया 
जात पात से ऊपर उठना 
अच्छे प्रत्याशी को मिल चुनना 
चला दौर चुनाव का भैया

©संगीत कुमार

#MeriMatiMeraDesh (चुनाव) चला दौर चुनाव का भैया पार्टी सार्टी मन रहा दारू मुर्गा खूब चल रहा नेता जनता का पैर पकड़ रहा खूब वादा कर रहा अपने को जनता का बेटा बता रहा घर घर सब से मिल रहा

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