जो मिला उसकी तलब ना थी ,
जो गया उसकी फिक्र ना की ,
हम हैं कि आईने में पहचान में नहीं आ रहे ,
जो नज़र आ रहा उसे जानते नहीं ,
जिसे जानते थे वह अब रहा नहीं ,
कह सकते हैं कि हम अभी मरे नहीं ,
पर हम तो कब के रहे नहीं ।।
साक्षी सोनी ।।
©Sakshi Soni "Aks"
#Shajar