स्तब्ध हूं निशब्द नहीं
गहनता का हूं परिचय
खोज ले जो मुझ में मैं को
कीर्तिमान का हो उदय!!
मैं भी मैं हूं तुम भी मैं हूं
मैं का है इतना सा अर्थ
खोज ले जो खुद में मैं को
है शेष बाकी व्यर्थ !!
विहरता वन काननों में
भावुक सा वो चित्त मेरा
निशा से उस भोर तक
जो कुछ है सब है तेरा!!
©Nisha Dhiman
#WorldAsteroidDay