कौन है
ख्वाब में हम साथ साथ है,
आँखे खुली तो तू मेरी बाहों में है,
तो फिर ख्वाबो में कौन है।
तू दिल के अंदर आने को बाहर खड़ी है,
तो मेरे दिल मैं कौन है।
हम सफर में निकले एक साथ साथ,
तू बस से बाहर हाथ हिला रही है,
तो मेरी बगल की सीट पर कौन है।
मैं कहता हूं तू मेरे दिल मे है,
तू भी कहती मैं तेरे दिल मे ही हु,
मैं फिर भी तन्हा रहता हूं
तो यह बता मुझे तेरे दिल मे कौन है।
मेरे दिल के दरवाजे में जो ताला है
उसकी चाबी तेरे पास है,
तू बाहर है तो फिर ताला खुला है
दिल मे कौन है।
हम एक साथ रहते हैं एक साथ खाते हैं, तुझे पता है मेरी हर पसन्द , फिर आज तू पूछती है मुझे क्या पसन्द है, अच्छा यह बताओ तुम्हारी तबियत तो ठीक है , आजकल यार तू कीन ख्यालो में रहती है कौन है।
आजकल तू घर में कम ही ठहरती है , कम ही दिखाई देती है, ठीक से बाते भी नही करती,
नजरे भी नही मिलती,
चोरी छिपे घर मे आती है,
चोरी छिपे घर से बाहर जाती है,
मेरे पूछने पर गुस्सा करके बोलती हो वर्मा साहब... आपके क्या मसला है
मैं तो ठीक हु तुम बताओ कौन है।
©verma sahab
#thought