White आधुनिक दुनिया के समाज में एक किरदार को महान | हिंदी मोटिवेशनल Vi

"White आधुनिक दुनिया के समाज में एक किरदार को महान किरदार बनाने के लिए कई किरदारो की अहम भूमिका होती हैं पर लोग सिर्फ किरदार के उसी सहयोगी को याद रखते हैं जो या तो उस किरदार की धर्मपत्नी होती हैं या फिर प्रेमिका बाकी किरदारो का क्या? क्या वो मायने नहीं रखते क्या उनकी कहानी मायने नहीं रखती। या फिर वो भी बस एक नींव की ईट हैं। या शायद हो भी यहि। वैसे भी कौन याद रखता हैं इन छोटे किरदारो की भूमिका। एक किरदार के उस महान किरदार बनने में लगी रहती हैं दादी कि बुढ़ापे की जमा की हुई जमा पूंजी, मां का त्याग अपने लाल के प्रति। एक भाई कि उम्मीद उस अनुज के प्रति। एक पिता का त्याग समाज के प्रति एक दोस्त की उम्मीद अपने दोस्त के प्रति तथा लगता हैं एक प्रेमिका का साथ उस किरदार के बुरे परिस्थिति के प्रति, और उस किरदार का अपने सपने के प्रति जुनून तब जाकर के कहीं वो किरदार महान बन पाता हैं। उसकी कहानी समाज के लोगों के बीच में अमरत्व हो पाती हैं। ऐसे बनता है एक किरदार, एवं उसकी कहानी। ~ आदित्य कुमार प्रसाद ©aditya prasad "

White आधुनिक दुनिया के समाज में एक किरदार को महान किरदार बनाने के लिए कई किरदारो की अहम भूमिका होती हैं पर लोग सिर्फ किरदार के उसी सहयोगी को याद रखते हैं जो या तो उस किरदार की धर्मपत्नी होती हैं या फिर प्रेमिका बाकी किरदारो का क्या? क्या वो मायने नहीं रखते क्या उनकी कहानी मायने नहीं रखती। या फिर वो भी बस एक नींव की ईट हैं। या शायद हो भी यहि। वैसे भी कौन याद रखता हैं इन छोटे किरदारो की भूमिका। एक किरदार के उस महान किरदार बनने में लगी रहती हैं दादी कि बुढ़ापे की जमा की हुई जमा पूंजी, मां का त्याग अपने लाल के प्रति। एक भाई कि उम्मीद उस अनुज के प्रति। एक पिता का त्याग समाज के प्रति एक दोस्त की उम्मीद अपने दोस्त के प्रति तथा लगता हैं एक प्रेमिका का साथ उस किरदार के बुरे परिस्थिति के प्रति, और उस किरदार का अपने सपने के प्रति जुनून तब जाकर के कहीं वो किरदार महान बन पाता हैं। उसकी कहानी समाज के लोगों के बीच में अमरत्व हो पाती हैं। ऐसे बनता है एक किरदार, एवं उसकी कहानी। ~ आदित्य कुमार प्रसाद ©aditya prasad

आधुनिक दुनिया के समाज में

एक किरदार को महान किरदार बनाने के लिए कई किरदारो की अहम भूमिका होती हैं पर लोग सिर्फ किरदार के उसी सहयोगी को याद रखते हैं जो या तो उस किरदार की धर्मपत्नी होती हैं या फिर प्रेमिका बाकी किरदारो का क्या? क्या वो मायने नहीं रखते क्या उनकी कहानी मायने नहीं रखती। या फिर वो भी बस एक नींव की ईट हैं। या शायद हो भी यहि। वैसे भी कौन याद रखता हैं इन छोटे किरदारो की भूमिका। एक किरदार के उस महान किरदार बनने में लगी रहती हैं दादी कि बुढ़ापे की जमा की हुई जमा पूंजी, मां का त्याग अपने

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