आधुनिक दुनिया के समाज में
एक किरदार को महान किरदार बनाने के लिए कई किरदारो की अहम भूमिका होती हैं पर लोग सिर्फ किरदार के उसी सहयोगी को याद रखते हैं जो या तो उस किरदार की धर्मपत्नी होती हैं या फिर प्रेमिका बाकी किरदारो का क्या? क्या वो मायने नहीं रखते क्या उनकी कहानी मायने नहीं रखती। या फिर वो भी बस एक नींव की ईट हैं। या शायद हो भी यहि। वैसे भी कौन याद रखता हैं इन छोटे किरदारो की भूमिका। एक किरदार के उस महान किरदार बनने में लगी रहती हैं दादी कि बुढ़ापे की जमा की हुई जमा पूंजी, मां का त्याग अपने
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