जिन बच्चो को मानसिक भावनात्मक आर्थिक किसी तरह का सहारा नही दे पाते फिर भी बच्चो को कोसना हिंसा करना ये आपकी ही नाकामी का परिचय होता है।
आम चीज़े जिनसे बच्चें कमाने और जीवन जीने लायक बनते है वही चीजे उतनी मात्रा में ना मिले तो इसमें उनका दोष नहीं,इन चीजों के लिए भी आपको संघर्ष करना पड़ता है तो अकेले खूब संघर्ष करते।
आपकी अदूरदर्शिता आपकी अपरिपक्वता का ही सबूत है जो इतने भी काबिल न बन पाएं इतना नही कमा पाए फिर भी बच्चो को जन्म दिया
परिवार अपने आप, अपनी जितनी समझ है उससे चल रहे है।
कमाई जरूरी है लेकिन केवल कमाना ही जरूरी नहीं है।
अगर जमाना बदला है तो हमें अपने घरों के वातावरण में भी बदलाव लाना होगा, हमारे अपने हमसे अपने मन की बात कह सके हम खुद उनसे कह सके फिर क्यों कोई तनाव में रहेगा,