"White गया क्या तेरा बता यार मुस्कुराने में।
जमाना लगता है एक दर्द को भुलाने में।
खतों में लिपटे हुए फूल तुम निकालो तो
मजा मुझे भी तो आए तुम्हें सताने में ।
फकीर करके मुझे अपना इश्क़ ले जाओ ।
बची हुई है ये दौलत मेरे खजाने में
यकीन तेरी बफाओं का अब भी करता पर
वफा दिखी ही नही पर तेरे बहाने में
अभी तो भा गया हमको ये दिल का वीराना
बहुत ही देर लगा दी हुजूर आने में
हमीं ने तुमको कभी टूट करके चाहा था
हमें ही शर्म क्यों निर्भय है ये बताने में
©निर्भय निरपुरिया"