विलुप्त हो चुकी परछाई काश उसे में छू पाती मेरे अस्

"विलुप्त हो चुकी परछाई काश उसे में छू पाती मेरे अस्तित्व के करीगर को कुछ अपने दिल की कह पाती जिसने अपने संस्कारो से मुझे सींच कर वक्त के आगे निकल गए पलट कर देख नहीं पाए उन्हें उनकी परछाई की ईमानदारी की मिशाल दे पाती जिन रिश्तों में पल कर सबका प्यार पाना था उन्हीं रिश्तों को प्यार दे कर आज भी यही खड़ी हूं ये दिखा पाती कभी कुछ मांगा नहीं बस सबके लिए करना सीखा क्या नहीं कर पाई ये तुमसे पूछ पाती कच्ची उम्र में ही पक्के वचनों से बंध गई मैं, इसमें ओर क्या कमी थी ये जान पाती मैंने क्या किया क्या सहा क्या कुछ कहना चाहती हूं शायद तुम्हे समझा पाती है मेरे भी कुछ मायने मेरे अस्तित्व पर तुम्हारे अमिट हस्ताक्षर करवा पाती... किसी की क्या हूं पता नहीं पापा पर तुम्हारी हूं ये तुम्हारे मुंह से सुन पाती...."

 विलुप्त हो चुकी परछाई
काश उसे में छू पाती
मेरे अस्तित्व के करीगर को
कुछ अपने दिल की कह पाती

जिसने अपने संस्कारो से मुझे सींच कर वक्त के आगे निकल गए
पलट कर देख नहीं पाए

उन्हें  उनकी परछाई की ईमानदारी की मिशाल दे पाती

जिन रिश्तों में पल कर सबका प्यार पाना था
उन्हीं रिश्तों को प्यार दे कर 
आज भी यही खड़ी हूं
ये दिखा पाती
कभी कुछ मांगा नहीं
बस सबके लिए करना सीखा
क्या नहीं कर पाई 
ये तुमसे पूछ पाती
कच्ची उम्र में  ही पक्के वचनों से बंध गई मैं,
इसमें ओर क्या कमी थी ये जान पाती
मैंने क्या किया
क्या सहा
क्या कुछ कहना चाहती हूं
शायद तुम्हे समझा पाती

है मेरे भी कुछ मायने
मेरे अस्तित्व पर तुम्हारे  अमिट हस्ताक्षर
करवा पाती...

किसी की क्या हूं पता नहीं पापा
पर तुम्हारी हूं 
ये तुम्हारे मुंह से सुन पाती....

विलुप्त हो चुकी परछाई काश उसे में छू पाती मेरे अस्तित्व के करीगर को कुछ अपने दिल की कह पाती जिसने अपने संस्कारो से मुझे सींच कर वक्त के आगे निकल गए पलट कर देख नहीं पाए उन्हें उनकी परछाई की ईमानदारी की मिशाल दे पाती जिन रिश्तों में पल कर सबका प्यार पाना था उन्हीं रिश्तों को प्यार दे कर आज भी यही खड़ी हूं ये दिखा पाती कभी कुछ मांगा नहीं बस सबके लिए करना सीखा क्या नहीं कर पाई ये तुमसे पूछ पाती कच्ची उम्र में ही पक्के वचनों से बंध गई मैं, इसमें ओर क्या कमी थी ये जान पाती मैंने क्या किया क्या सहा क्या कुछ कहना चाहती हूं शायद तुम्हे समझा पाती है मेरे भी कुछ मायने मेरे अस्तित्व पर तुम्हारे अमिट हस्ताक्षर करवा पाती... किसी की क्या हूं पता नहीं पापा पर तुम्हारी हूं ये तुम्हारे मुंह से सुन पाती....

#LoveYouDad

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