और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी क्या तुम | हिंदी कवित

"    और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी क्या तुम अब भी वैसी हो, और बताओ कैसी हो अब भी क्या कोई तेरे बातों को काट नहीं पाता अब भी क्या कोई तेरे चेहरे को भांप नहीं पाता अब भी क्या कोई तेरे आंखों को पढ़ता रहता है अब भी क्या कोई तेरे सांसों में चलता रहता है अब भी क्या चुप होने वाला गुस्सा करती रहती हो और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी क्या तुम अब भी वैसी हो,और बताओ कैसी हो अब भी क्या चर्चा में रहती तुम अपने अंगड़ाई से अब भी क्या दिन काट रही हो स्वेटर और सलाई से अब भी क्या तुमको कोई देखा करता है चोरी से अब भी क्या मेरी बातें करती हो खास सहेली से अब भी क्या बातों बातों में जिद्द पर अड़ती रहती हो और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी क्या तुम अब भी वैसी हो, और बताओ कैसी हो और बताओ और बताओ अब भी तुम कहती हो क्या अच्छे थे कुछ ख़्वाब हमारे ख़्वाबों में रहती हो क्या मन में सब जज़्बात छिपाए अब भी हंसती रहती क्या मेरा सब कुछ ठीक ठाक है अब भी कहती रहती क्या मेरी सारी बात अधूरी , तू हंस दे हो जाए पूरी तेरे आंखों की मंजूरी, मिल जाए मिट जाए दूरी मैं तो पत्थर बन बैठा हूं, तुम क्या करती रहती हो और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी क्या तुम अब भी वैसी हो, और बताओ कैसी हो...आदर्श ©Adarsh Thakur"

  

 

और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी
क्या तुम अब भी वैसी हो, और बताओ कैसी हो
अब भी क्या कोई तेरे बातों को काट नहीं पाता
अब भी क्या कोई तेरे चेहरे को भांप नहीं पाता
अब भी क्या कोई तेरे आंखों को पढ़ता रहता है
अब भी क्या कोई तेरे सांसों में चलता रहता है
अब भी क्या चुप होने वाला गुस्सा करती रहती हो
और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी
क्या तुम अब भी वैसी हो,और बताओ कैसी हो

अब भी क्या चर्चा में रहती तुम अपने अंगड़ाई से
अब भी क्या दिन काट रही हो स्वेटर और सलाई से
अब भी क्या तुमको कोई देखा करता है चोरी से
अब भी क्या मेरी बातें करती हो खास सहेली से
अब भी क्या बातों बातों में जिद्द पर अड़ती रहती हो
और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी
क्या तुम अब भी वैसी हो, और बताओ कैसी हो

और बताओ और बताओ अब भी तुम कहती हो क्या
अच्छे थे कुछ ख़्वाब हमारे ख़्वाबों में रहती हो क्या
मन में सब जज़्बात छिपाए अब भी हंसती रहती क्या
मेरा सब कुछ ठीक ठाक है अब भी कहती रहती क्या
मेरी सारी बात अधूरी , तू हंस दे हो जाए पूरी
तेरे आंखों की मंजूरी, मिल जाए मिट जाए दूरी
मैं तो पत्थर बन बैठा हूं, तुम क्या करती रहती हो
और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी
क्या तुम अब भी वैसी हो, और बताओ कैसी हो...आदर्श

©Adarsh Thakur

    और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी क्या तुम अब भी वैसी हो, और बताओ कैसी हो अब भी क्या कोई तेरे बातों को काट नहीं पाता अब भी क्या कोई तेरे चेहरे को भांप नहीं पाता अब भी क्या कोई तेरे आंखों को पढ़ता रहता है अब भी क्या कोई तेरे सांसों में चलता रहता है अब भी क्या चुप होने वाला गुस्सा करती रहती हो और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी क्या तुम अब भी वैसी हो,और बताओ कैसी हो अब भी क्या चर्चा में रहती तुम अपने अंगड़ाई से अब भी क्या दिन काट रही हो स्वेटर और सलाई से अब भी क्या तुमको कोई देखा करता है चोरी से अब भी क्या मेरी बातें करती हो खास सहेली से अब भी क्या बातों बातों में जिद्द पर अड़ती रहती हो और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी क्या तुम अब भी वैसी हो, और बताओ कैसी हो और बताओ और बताओ अब भी तुम कहती हो क्या अच्छे थे कुछ ख़्वाब हमारे ख़्वाबों में रहती हो क्या मन में सब जज़्बात छिपाए अब भी हंसती रहती क्या मेरा सब कुछ ठीक ठाक है अब भी कहती रहती क्या मेरी सारी बात अधूरी , तू हंस दे हो जाए पूरी तेरे आंखों की मंजूरी, मिल जाए मिट जाए दूरी मैं तो पत्थर बन बैठा हूं, तुम क्या करती रहती हो और बताओ कैसी हो, पिछले बार मिली थी क्या तुम अब भी वैसी हो, और बताओ कैसी हो...आदर्श ©Adarsh Thakur

#Nojoto

People who shared love close

More like this

Trending Topic