मैं उलझा ,टूटा बिखरा एक ख्वाब ढूंढता रहा मैं जिंद | हिंदी Shayari

"मैं उलझा ,टूटा बिखरा एक ख्वाब ढूंढता रहा मैं जिंदा शरीर में एक लाश ढूंढता रहा शिकन चेहरे की झुर्रियां बयाँ कर रही थी हालात को मैं आँखों में तबाही का जवाब ढूंढता रहा ।। #खैर ❤️ ©गोपाल कृष्णा(GN)"

 मैं उलझा ,टूटा बिखरा एक ख्वाब ढूंढता रहा 
मैं जिंदा शरीर में एक लाश ढूंढता रहा 
शिकन चेहरे की झुर्रियां बयाँ कर रही थी हालात को 
मैं आँखों में तबाही का जवाब ढूंढता रहा ।। 

#खैर ❤️

©गोपाल कृष्णा(GN)

मैं उलझा ,टूटा बिखरा एक ख्वाब ढूंढता रहा मैं जिंदा शरीर में एक लाश ढूंढता रहा शिकन चेहरे की झुर्रियां बयाँ कर रही थी हालात को मैं आँखों में तबाही का जवाब ढूंढता रहा ।। #खैर ❤️ ©गोपाल कृष्णा(GN)

#लव
#पोएट्री
#Gn

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