गोपाल कृष्णा(GN)

गोपाल कृष्णा(GN) Lives in New Delhi, Delhi, India

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मैं उलझा ,टूटा बिखरा एक ख्वाब ढूंढता रहा मैं जिंदा शरीर में एक लाश ढूंढता रहा शिकन चेहरे की झुर्रियां बयाँ कर रही थी हालात को मैं आँखों में तबाही का जवाब ढूंढता रहा ।। #खैर ❤️ ©गोपाल कृष्णा(GN)

#पोएट्री #खैर #लव #Gn  मैं उलझा ,टूटा बिखरा एक ख्वाब ढूंढता रहा 
मैं जिंदा शरीर में एक लाश ढूंढता रहा 
शिकन चेहरे की झुर्रियां बयाँ कर रही थी हालात को 
मैं आँखों में तबाही का जवाब ढूंढता रहा ।। 

#खैर ❤️

©गोपाल कृष्णा(GN)

मैं मुद्दतों से नहीं सोया गहरी नींद में मुझे अब ख्वाबों से डर लगने लगा है ।। #खैर

#खैर #story  मैं मुद्दतों से नहीं सोया गहरी नींद में 

मुझे अब ख्वाबों से डर लगने लगा है ।।

#खैर

मैं मुद्दतों से नहीं सोया गहरी नींद में मुझे अब ख्वाबों से डर लगने लगा है ।। #खैर

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अब जरा चैन दें मुझे ऐ जमाना तुझे समझते -समझते खुद को भूल गया हूँ #खैर

#जमाना #खैर  अब जरा चैन दें मुझे ऐ जमाना 
तुझे समझते -समझते  खुद को भूल गया हूँ 
#खैर

झूठी मोहब्बत की फरबरी आ गई है अब रिश्ते दिलों के बजाए तोहफो से जुड़ेंगे ।। #खैर

#विचार #खैर  झूठी मोहब्बत की फरबरी आ गई है 
अब रिश्ते दिलों के बजाए तोहफो से जुड़ेंगे ।।
#खैर

झूठी मोहब्बत की फरबरी आ गई है अब रिश्ते दिलों के बजाए तोहफो से जुड़ेंगे ।। #खैर

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मेरे हाथों को पकड़ के थाम सकते हो क्या मैं गर डूब रहा हूँ मुझे निकाल सकते हो क्या बेवजह का शौक नहीं मुझमें कोई मेरे अल्हड़पन को थोड़ा सा संभाल सकते हो क्या ।। #खैर #GN

#कविता #खैर #Gn  मेरे हाथों को पकड़ के थाम सकते हो क्या 
मैं गर डूब रहा हूँ मुझे 
निकाल सकते हो क्या 
बेवजह का शौक नहीं मुझमें कोई 
मेरे अल्हड़पन को थोड़ा सा संभाल सकते हो क्या ।।
#खैर #GN

मेरे हाथों को पकड़ के थाम सकते हो क्या मैं गर डूब रहा हूँ मुझे निकाल सकते हो क्या बेवजह का शौक नहीं मुझमें कोई मेरे अल्हड़पन को थोड़ा सा संभाल सकते हो क्या ।। #खैर #GN

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उस पल को किस तरह बयां किया जाए जब महज उँगलियों को पकड़ के दिल में उतर गया था कोई #खैर

#pehli_dafa #खैर  उस पल को किस तरह बयां किया जाए 
जब महज उँगलियों को पकड़ के दिल में उतर गया था कोई 
#खैर
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