बदला मौसम (दोहे)
बदला मौसम देख कर, सभी हुए हैरान।
देता है चेतावनी, राह नहीं आसान।।
असमंजस में हैं पड़े, नहीं रहा कुछ सूझ।
राह सरल को ही चुनें, कहती है ये बूझ।।
कुछ हैं जो दृढ ही रहें, सही चुनें वो राह।
पाप कर्म से दूर हों, जानें उसकी थाह।।
बदले मौसम ने बहुत, दिखा दिया है रूप।
साँप बदलता कैंचुली, ऐसा हुआ स्वरूप।।
बदल गया मौसम बहुत, बिगड़ रहे हालात।
शत्रु बैठ छिप कर गये, करने को आघात।।
बदला मौसम ये कहे, समझो तुम इंसान।
कलियुग का ये दौर है, मत रहना अंजान।।
बदले मौसम ने दिया, कृषकों को आघात।
फसल हुई सब नष्ट है, दशा हुई आपात।।
व्यर्थ मेहनत सब हुई, करते कृषक विलाप।
कहें ईश से सब यही, विघ्न हरो अब आप।।
दहशत अब दिल में हुई, दिखा भयानक रूप।
बदला है मौसम बहुत, जैसे कोई कूप।।
बालक हम सब आपके, कर दो अब उपकार।
कहती है सद्भावना, तुम ही हो आधार।।
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देवेश दीक्षित
©Devesh Dixit
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बदला मौसम (दोहे)
बदला मौसम देख कर, सभी हुए हैरान।
देता है चेतावनी, राह नहीं आसान।।
असमंजस में हैं पड़े, नहीं रहा कुछ सूझ।