White आतिशी शहर में, बारूदी हैं गलियां
दरीचों से इसकी, बरसती हैं गोलियां
हर ज़र्रा जिसका, है धुआं-धुआं सा
घरों से आती हैं , तो बस सिसकियां
जमीं लहुलुहान, है सुर्ख आसमान
हवा के हर झोंके में, चीख रही शैतानियां
सड़े गुरूर की कैसी, नशीली दुर्गंध है फैली
इंसानियत की कब्र पर, थिरक रही हैवानियां
©Kirbadh
#War #crime #Hate