White बाहर का हाल सब जानते हैं अंदर कितना कुछ टूटा | हिंदी Poetry

"White बाहर का हाल सब जानते हैं अंदर कितना कुछ टूटा है ये कोई नहीं जानता कोई नहीं जानता उन सवालों के जवाब जो भीतर ही भीतर सुलग रहे हैं घुटन की आग बनकर ©Harpinder Kaur"

 White बाहर का हाल सब जानते हैं
अंदर कितना कुछ टूटा है
ये कोई नहीं जानता
कोई नहीं जानता 
उन सवालों के जवाब 
जो भीतर ही भीतर
सुलग रहे हैं 
घुटन की आग बनकर

©Harpinder Kaur

White बाहर का हाल सब जानते हैं अंदर कितना कुछ टूटा है ये कोई नहीं जानता कोई नहीं जानता उन सवालों के जवाब जो भीतर ही भीतर सुलग रहे हैं घुटन की आग बनकर ©Harpinder Kaur

# शायद तो कोई समझता

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