अश्रु जल निर्झर बहे जब कष्ट किसी को होय लाख जतन  | हिंदी Poetry V

"अश्रु जल निर्झर बहे जब कष्ट किसी को होय लाख जतन  करले  कोई  रोक सके  ना कोय जिसपर बीते  वो ही जाने  कितनी  पीड़ा होय कर्म का ही सब खेल बताए मर्म ना जाने कोय ©Raushan Rajput "

अश्रु जल निर्झर बहे जब कष्ट किसी को होय लाख जतन  करले  कोई  रोक सके  ना कोय जिसपर बीते  वो ही जाने  कितनी  पीड़ा होय कर्म का ही सब खेल बताए मर्म ना जाने कोय ©Raushan Rajput

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